डिजिटल डेस्क। सनातन संस्कृति में मां सरस्तवी को ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी माना जाता है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो इन कलाओं से तालुल्क रखता है, वह देवी की पूजा जरुर करता है। इनकी पूजा से न केवल व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि बुद्धि में भी वृद्धि होती है। पढ़ाई लिखाई से संबंध रखने वाला व्यक्ति मां सरस्वती की पूजा विशेष रुप से करता है। लेकिन मां की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी प्रतिमा को सही जगह पर रखना बहुत जरुरी होता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए देवी की प्रतिमा सही दिशा में रखना जरुरी होता है। वास्तु के अनुसार जानते हैं कि देवी प्रतिमा में किस दिशा में रखना शुभ होता है।
पूर्व दिशा में रखें मां सरस्वती की प्रतिमा
वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा मानी जाती है, जो ज्ञान और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा रखने से विद्यार्थियों को विशेष रूप से लाभ होता है और पढ़ाई में सफलता प्राप्त होती है।
उत्तर-पूर्व दिशा में रखें मां सरस्वती की प्रतिमा
उत्तर-पूर्व दिशा को ज्ञान, बुद्धि और सृजनशीलता का केंद्र माना जाता है, जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है। यहां मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं और माता सरस्वती के आशीर्वाद से जीवन में सफलता के नए रास्ते खुलते हैं।
उत्तर दिशा में रखें मां सरस्वती की प्रतिमा
उत्तर दिशा को शांति और समृद्धि की दिशा माना जाता है, जिसे लक्ष्मी माता का स्थान भी माना जाता है। यहां मां सरस्वती की प्रतिमा रखने से घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है। इस दिशा में घी का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।