होली के पर्व को लेकर संशय, राजधानी में बुधवार को मनेगा रंगोत्सव
-उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में सोमवार शाम हुआ होलिका दहन -इधर मौसम में आया बदलवा, सोमवार को कई जगह हुई बारिश ने मौसम में घोली ठंडक
भोपाल. रंगों के पर्व यानी होली का इंतजार हर आम और खास को रहता है। इस साल भद्रा के कारण रंगोत्सव और होलिका दहन की तारीख को लेकर असमंजस बना रहा। हालांकि प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में मंगलवार को होलिका दहन किया गया और बुधवार को रंगोत्सव मनाया जाना तय किया है। पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन की मान्यता है। इस बार पूर्णिमा छह और सात मार्च दो दिन है। 28 साल पहले भी ऐसा हुआ था। इधर, मौसम ने भी प्रदेश में करवट ली है। बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण घुली ठंडक ने होली के रंग को कुछ फीका किया है। उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर में सोमवार शाम होलिका दहन किया गया। यहां बिना मुहूर्त के होलिका दहन की परंपरा है। इससे पहले भक्तों ने महाकाल के संग होली खोली। सोमवार सुबह तकरीबन 40 क्विंटल फूलों से होली खेली गई। राजधानी भोपाल में सात मार्च यानी मंगलवार शाम को होलिका दहन किया गया।
होलिका दहन की तारीख को लेकर असमंजस की ये वजह
हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन धुलेंडी मनाई जाती है और रंग खेला जाता है। इस बार पूर्णिमा दो दिन तक है। इसके अलावा अशुभ माने जाने वाला भद्रा काल भी है। इसके चलते किसी पंचांग में होलिका दहन छह तो किसी में सात मार्च को बताया गया है।
भोपाल में दो हजार स्थानों पर होलिका दहन
राजधानी में इस साल दो हजार से अधिक जगह होलिका दहन किया गया। कॉलोनियों और कवर्ड कैंपस में भी होलिका दहन हुआ। भोपाल में शाम सात बजे से होलिका दहन का कार्यक्रम हुआ। आठ मार्च यानी बुधवार को भोपाल में होली खेली जाएगी। जबलपुर समेत अन्य शहरों और जिलों में भी रंगोत्सव बुधवार को ही मनाया जाएगा।