Gastroenteritis: शरीर में दिखें ये लक्ष्ण तो हो सकती है ये बीमारी, बरसात के दिनों में बना रहता है इसका खतरा
अनहेल्दी खाना है इसकी मुख्य वजह, पेट में हो सकता है संक्रमण और सूजन
डिजिटल डेस्क। बरसात का मौसम वैसे तो सभी को बहुत पसंद है, लेकिन इस मौसम में पेट संबंधी परेशानियां होने का खतरा काफी बढ़ जाती है। बच्चे थोड़ा भी बाहर का खाए तो संक्रामक बीमारियां होने का जोखिम भी बना रहता है। इसलिए इस मौसम में डॉक्टर्स हल्का और हेल्दी खाने की सलाह देते हैं। पर बारिश का मौसम हो और पकौड़े जैसी चटपटी चीजें न हो तो कैसे काम चलेगा। खूबसूरत मौसम को देखकर मन ललचा ही जाता है। इस वजह से इस मौसम में गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी होने की संभावना बनी रहती है।
इन कारणों से हो सकती है गैस्ट्रोएंटेराइटिस
मानसून के दिनों में दूषित भोजन से पेट में संक्रमण और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी कई अन्य संक्रामक बीमारियों का होना आम है क्योंकि भारी बारिश और जलभराव से पानी की गुणवत्ता प्रभावित होती है और भोजन के रखरखाव में होने वाली दिक्कतों के कारण ये रोगजनकों से संक्रमित हो सकता है। पाचन तंत्र में संक्रमण और सूजन की समस्या के कारण यह बीमारी होती है। हालांकि यह एक अल्पकालीन बीमारी है और जल्दी ठीक हो जाती है।
क्या है गैस्ट्रोएंटेराइटिस
गैस्ट्रोएंटेराइटिस को स्टमक फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस के साथ, आपके पेट और आंतों में जलन और सूजन होने लगती है। इसका कारण आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण होता है। बरसात के दिनों में भोजन के रखरखाव की समस्या या भी दूषित जल के सेवन के कारण इस समस्या के होने का खतरा अधिक हो सकता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस किसी को भी हो सकता है, अगर समय रहते लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण गंभीर रोग का खतरा भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस रोग की पहचान कैसे की जा सकती है?
बुखार और भूख न लगना- गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कई मामलों में बुखार भी हो सकता है। संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर एक रक्षा तंत्र के रूप में अपना तापमान बढ़ाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सभी मामलों में बुखार नहीं होता है। कुछ लोगों में भूख में काफी कमी आ सकती है। गैस्ट्रोइंटस्टाइनल ट्रैक्ट में सूजन और जलन के कारण खाने की इच्छा कम हो सकती है। यदि ठीक से इस बीमारी के प्रबंधन न किया जाए तो भूख की यह कमी निर्जलीकरण और कमजोरी का कारण बन सकती है।
पेट में दर्द और ऐंठन- गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सबसे आम और प्रमुख लक्षणों में से एक है- पेट में दर्द होना। यह सूजन की वजह से आंतों की मांसपेशियों में बढ़े हुए संकुचन के कारण हो सकता है। यह दर्द कुछ-कुछ देर पर रुक कर होता है। इसके साथ आपको पाचन में गड़बड़ी से संबंधित अन्य लक्षणों का भी खतरा रहता है। अगर संक्रमण का इलाज न किया जाए तो इसके बढ़ने और गंभीर रूप लेने का भी जोखिम रहता है।
दस्त-उल्टी की दिक्कत- गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या में दस्त और उल्टी होना भी काफी कॉमन है। चूंकि संक्रमण आंतों के सामान्य कार्य को प्रभावित कर देता है, जिससे द्रव स्राव बढ़ जाता है या इसका अवशोषण कम हो जाता है। डायरिया की स्थिति बनी रहने के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे लक्षण और बिगड़ने लगते हैं। डायरिया के साथ उल्टी होने की स्थिति में डिहाइड्रेशन होने का खतरा और अधिक हो सकता है।