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सडक़ हादसों के आंकड़े तो नो पार्किंग से उठाए वाहनों की तत्काल मिलेगी जानकारी

-पीटीआरआइ तैयार करवा रहा पोर्टल और मोबाइल ऐप, एक क्लिक में सामने होगी सभी जानकारी

भोपाल. नो पार्किंग या ट्रैफिक में बाधक बन रहे वाहनों को ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा उठाकर ले जाने के बाद अकसर चालक वाहनों की तलाश में परेशान होते हैं, वहीं किसी सडक़ पर लगे ट्रैफिक जाम की जानकारी न होने से उस दिशा में जाने वाले चालकों के परेशान होने की घटनाएं आम हैं। ये और इस तरह की अन्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पुलिस मुख्यालय की पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट शाखा पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार करवा रही है। एनआइसी से डोमेन तय करने के साथ ही मैपआइटी (एमपी एजेंसी फॉर प्रोमोशन ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी) से इस पोर्टल को डिजाइन करवाया जा रहा है। पोर्टल में कई ऐसे खास फीचर रखे जाएंगे, जिससे प्रदेश में ट्रैफिक को सुचारू बनाए रखने के साथ ही नियम तोडऩे पर चालान संबंधी जानकारी रियल टाइम में मिल सकेगी। पीटीआरआइ एडीजी जी. जर्नादन के मुताबिक पोर्टल और ऐप तैयार करवाने की प्रक्रिया जारी है। इसमें ट्रैफिक से संबंधित अन्य विभागों की सेवाओं को भी इंट्रीगेटेड करने की योजना है।
ट्रैफिक पोर्टल में ये रहेगा खास
-प्रदेश के किसी भी कोने में होने वाले सडक़ हादसों की रियल टाइम जानकारी पोर्टल पर दर्ज होगी।
-सडक़ हादसों में होने वाले मौत और घायलों की संख्या जिलावार अपडेट की जा सकेंगी।
-ट्रैफिक में बाधक बने वाहनों की जानकारी या हादसे में क्षतिग्रस्त वाहनों की सूचना पोर्टल पर दर्ज होगी। इन्हें समय रहते हटाया जाएगा।
-प्रदेशभर में की जाने वाली चालानी कार्रवाई को प्रदेश के सभी जिलों से उसी दिन अपडेट किया जाएगा।
-मोटर व्हीकल एक्ट की विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहेगी। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि और दंडात्मक कार्रवाई पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
-नो पार्किंग में खड़े वाहनों पर की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी पोर्टल पर रहेगी। यहां से चालक वाहन की स्थिति और चालानी कार्रवाई पता कर सकेंगे।
-नियमों के उल्लंघन पर की जाने वाली ई-चालानी कार्रवाई की जानकारी वाहन नंबर से सर्च की जा सकेगी।
ब्लैक स्पॉट की मिलेगी जानकारी
ट्रैफिक पोर्टल में प्रदेश की अलग-अलग सडक़ों पर मौजूद ब्लैक स्पॉट की जानकारी दर्ज होगी। ब्लैक स्पॉट हटाने के लिए किए जाने वाले कार्यों और यहां वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां पोर्टल पर मुहैया होगी। पोर्टल के जरिये प्रदेश में मौजूद 1049 थानों से जानकारी अपलोड की जाएगी। अभी तक हादसों, इनमें मृतक और घायलो की संख्या मैन्युअली ही मुख्यालय भेजी जाती है। वर्तमान में जानकारी देने के लिए वॉट्सऐप, ईमेल का भी उपयोग करते हैंं। ट्रैफिक सुधार के लिए जरूरी रिसर्च के लिए ये आंकड़े अहम हैं। पोर्टल पर प्रतिदिन दर्ज होने से रिसर्च में आसानी होगी।
आइटीएमएस और सिटी सर्विलांस से होगा इंट्रीगेटेड
पोर्टल लांच होने के बाद दूसरे चरण में इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) और मप्र पुलिस के सिटी सर्विलांस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाले लाइव फुटेज और नियम तोडऩे वाले वाहनों की जानकारी मिलेगी। इससे चालानी कार्रवाई के साथ ही ट्रैफिक जाम की स्थिति में इसे क्लीयर करने में मदद मिलेगी। बता दें, प्रदेश के सात शहरों में आइटीएमएस सुविधा है। इसके अलावा मप्र पुलिस के प्रदेश के सभी शहरों में सीसीटीवी कैमरे ऑपरेट हो रहे हैं।

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