मप्र सरकार ने 4.17 करोड़ किए खर्च, पर 4433 लोगों को ही दिला सके रोजगार
- प्रदेश के 15 रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए निजी कंपनी को दिया था ठेका
भोपाल. मप्र में बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे के नाम पर निजी कंपनी को 4.17 करोड़ रुपए का भुगतान करने पर सिर्फ 4433 लोगों को ही रोजगार दिला सके हैं। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने मई 2018 से मार्च 2022 तक 15 रोजगार कार्यालयों के संचालन का काम यशस्वी एकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट को दिया था। सरकार का दावा है कि इस कंपनी का चयन ई-टेंडरिंग के जरिये हुआ। कंपनी की कमर्शियल ऑपरेटिंग डेट (सीओडी) अक्टूबर 2020 निर्धारित की गई थी, पर इस कंपनी ने मई 2018 से काम शुरू किया था। अनुबंध की शर्त के मुताबिक छह महीने में 25 हजार बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का लक्ष्य था। कंपनी ने 11680 की सूची दी गई। जब इसका थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया तो 4433 को ही नौकरी मिलना पाया गया। मंत्री ने बताया कि दूसरे साल यानी एक अप्रेल 2021 से 31 मार्च 2022 तक कंपनी ने 32848 के प्लेसमेंट की सूची दी गई । कंपनी द्वारा तय शर्तों के मुताबिक काम नहीं करने पर 5 सितंबर 2022 का अनुबंध समाप्त कर दिया गया।
थर्ड पार्टी ऑडिट में पकड़ा फर्जीवाड़ा
कंपनी द्वारा शुरुआती छह महीने में रोजगार दिलाए जाने के आंकड़ों की सत्यता थर्ड पार्टी ऑडिट में सामने आने के बावजूद कंपनी को 17 मार्च 2022 को 4 करोड़ 17 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया। विभाग का कहना है कि कंपनी को पेनाल्टी काटकर भुगतान किया गया है और संपत्ति जब्त की गई है। हालांकि सरकार इस गड़बड़ी के लिए किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं मानती।