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मप्र में एक साल में 10 बाघों का हुआ शिकार, 31 शिकारियों को पकड़ा

मप्र में एक साल में दस बाघों का शिकार किया गया

भोपाल. देश में सबसे अधिक वन क्षेत्रों वाले राज्यों में शामिल मप्र में एक साल में दस बाघों का शिकार किया गया। सबसे अधिक छह बाघ बालाघाट वन क्षेत्र में शिकारियों के हाथों मारे गए। अधिकतर बाघों को करंट लगाकर मारने की बात सामने आई है। वन विभाग के मुताबिक पिछले साल 2012 में दस बाघों को शिकारियों ने मारा। 31 शिकारियों को गिरफ्त में लिया गया है और एक आरोपी फरार है, जबकि उत्तर बालाघाट और बांधवगढ़ में बाघ के शिकार के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यहां बता दें कि पिछले साल जनवरी महीने में ही तीन बाघों का शिकार किया गया था। वन मंत्री ने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से 20 चीते लाए गए हैं। इसके प्रचार-प्रसार पर 4.15 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पशु वन्य प्राणी बाघ और शेर का क्रय-विक्रय वन्य जीव अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है।

कहां हुआ बाघ का शिकार
वन मंडल——-घटना दिनांक——–गिरफ्तार आरोपी
उत्तर बालाघाट—–17 जनवरी 2022—-07
उत्तर शहडोल——-19 जनवरी2022—-03
बांघवगढ़ टाइगर रिजर्व—28 जनवरी 2022—00
दक्षिण बालाघाट—-20 मार्च 2022—-04
लामटा परियोजना, बालाघाट—16 जून 2022—02
उत्तर बालाघाट—-22 जून 2022—-02
उत्तर बालाघाट—-16 सितंबर 2022—-00
पेंच टाइगर रिजर्व—01 अक्टूबर 2022–03
उत्तर पन्ना—–06 दिसंबर 2022—-02
दक्षिण बालाघाट—-25 दिसंबर 2022–08

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