बिजली के तारों के मकडज़ाल से जिंदगी खतरे में
-मानव अधिकार आयोग ने चार मामलों में लिया संज्ञान, जिम्मेदारों से मांगा जवाब
भोपाल. मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने चार मामलों में संज्ञान लेते हुए जिम्मेदारों से जवाब तलब किया है। पहला मामला भोपाल के पुराने शहर के मोती मस्जिद क्षेत्र में खंभों पर बेतरतीब फैले बिजली तारों को लेकर है। ये बिजली केबल सडक़ पर भी रहती है, जिससे अकसर वाहनों में उलझकर ये टूटती है। इससे आम लोगो की जिंदगी पर खतरा बना रहता है। इस मामले में आयोग ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री से १५ दिन में जवाब तलब किया है। इधर एक अन्य मामले में गोविंदपुरा क्षेत्र में आठवीं की छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर भोपाल से जवाब मांगा है। इधर, राजधानी के ही इतवारा क्षेत्र में चल रहे नशे के कारोबार पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है। बता दें, इस क्षेत्र में गांजे की पुडिय़ा आसानी से पान की दुकानों से बेची जा रही है। चौथा मामला मंदसौर जिले के किसान का है, जो दो साल से जिंदा होने का प्रमाण-पत्र लेने के लिए भटक रहा है। दरअसल मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ के नागर पिपल्या गांव के किसान प्रभुलाल खरोल को किसान सम्मान निधि की चार किस्त मिली थीं, पर बाद में पटवारी ने उसे दस्तावेजों में मृत बता दिया। इसके बाद से किसान खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में जुटा है। आयोग ने मंदसौर कलेक्टर को निर्देश जारी कर किसान की समस्या का समाधान करने एवं कार्रवाई की जानकारी के लिए तीन सप्ताह की समय सीमा तय की है।
विचाराधीन कैदियों की मौत, पांच-पांच लाख का मुआवजा
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने रतलाम एवं केंद्रीय जेल भोपाल में एक-एक विचाराधीन कैदी द्वारा आत्महत्या करने के मामले में दोनों के वारिसों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की अनुशंसा की है।