Parenting Tips: टेक्नोलॉजी के दौर में मुश्किल है बच्चों को संस्कृति का पाठ सिखाना, इन तरकीबों से बना रहेगा इनवॉल्वमेंट
बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे अपनी संस्कृति के बारे में जानें
डिजिटल डेस्क। हर परिवार की अपनी संस्कृति और प्रथा होती है, जिसे वे अपने बच्चों को देना चाहते हैं। घर की सभी सांस्कृतिक विरासत और उत्सवों के बारे में जानकारी, सभी तीज त्यौहार… इससे समाज में अपनापन बना रहता है। बच्चों ये शिक्षा देना बडों का काम है। परन्तु टेक्नोलॉजी के दौर में ये थोड़ा मुश्किल हो गया है। बच्चें अपनी पूरी एनर्जी टेक्नोलॉजी में बर्बाद कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों को उत्सवों से जोड़ें और उनके महत्व बताएं, ताकि अपनी परंपराओं के प्रति उनकी खुशी एवं उत्साह बरकरार रहे। चूंकि बच्चे हर चीज के बारे में जिज्ञासु होते हैं, लिहाजा त्योहारों और उनमें छिपी परंपराओं के बारे में जानना उन्हें रोमांचक भी लगेगा। इसके लिए कुछ आसान तरीके भी हैं।
पकवान बनाने में सहयोग
त्योहार आने पर सभी घरों में पकवान बनाए जाते हैं। आप इस काम में भी बच्चों की मदद ले सकती हैं और छोटे-छोटे काम कराकर उन्हें जिम्मेदारी का अहसास करा सकती हैं कि त्योहारों पर उन्हें भी काम करना है। इससे उनमें बचपन से ही साथ में काम करने की भावना पैदा होगी। बच्चे साथ में पकवान बनाएंगे तो उन्हें भी खुशी मिलेगी और वे त्योहार का दुगुना मजा उठाएंगे।
मेल-मिलाप की भावना
अगर आप अपने बच्चों को त्योहारों से जोड़ेंगी तो उनमें मेल-मिलाप की भावना बढे़गी। आज बच्चे भी अकेलापन महसूस करते हैं। ऐसे में मिल-जुल कर त्योहार मनाने से उनका अकेलापन दूर होगा। अपने बच्चे को त्योहारों पर रिश्तेदारों, परिचितों और पड़ोसियों के घर जरूर लेकर जाएं, ताकि वह सबसे घुले-मिले और त्योहारों को मिल-जुल कर मनाना सीखे।
साफ-सफाई में भागीदारी
जब भी कोई अनुष्ठान, पर्व या उत्सव आता है तो आप घर की साफ-सफाई और सजावट में जुट जाती हैं। इस काम में बच्चों को भी शामिल करें, जिससे उनके मन में भी उत्सवों, अनुष्ठानों के आने की खुशी बनी रहे। बच्चों से छोटे-मोटे काम करने को कहें। आप उनसे कूड़ा-कचरा उठाकर कूड़ेदान में डालने, फर्नीचर की झाड़-पोंछ करने जैसे काम करा सकती हैं। इससे उनमें काम करने की आदत भी पडे़गी।
रचनात्मकता जरूरी
बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी दें। त्योहार या समारोह के दौरान उन्हें पारंपरिक पोशाक पहना कर, सजावट और पकवान बनाने में मदद लेकर और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेकर अपनी परंपराओं की जानकारी दें, जिससे वे बचपन से ही अपनी संस्कृति को जान सकें और उत्सवों का मजा ले सकें।
प्रोत्साहन है जरूरी
आजकल स्कूलों में भी बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसे में आप बच्चों को उनमें बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे उनमें उत्साह पैदा हो। आप बच्चे को त्योहार से जुड़ी कविता या भाषण भी तैयार करा सकती हैं। जब बच्चा मंच पर त्योहार से संबंधित कविता या भाषण बोलेगा तो उसे अच्छा भी लगेगा और साथ में अपने उत्सवों के बारे में जानकारी भी हासिल हो जाएगी।
कहानियां और फिल्में
हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी होती है, जो हमें सकारात्मक संदेश देती है। इसलिए समय-समय पर आप बच्चों को अपने त्योहारों और परंपराओं की जानकारी किताबों द्वारा या फिल्में दिखाकर भी दे सकती हैं। जब आप बच्चे को कुछ रीति-रिवाजों के बारे में समझाती हैं तो वे उसे उबाऊ और बोर लगते हैं। वह आपकी बातों पर ध्यान नहीं देता इसलिए त्योहारों के बारे में कहानी सुनाकर, पढ़कर या फिर उस विषय पर बनी कोई फिल्म दिखाकर आप जानकारी को उसके लिए रुचिकर बना सकती हैं, ताकि वह उत्साहित होकर अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल करे।