डिजिटल डेस्क। सनातन संस्कृति में मनाया जाने वाला नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर से शुरु होने जा रहा है। यह त्योहार 9 दिनों तक मनाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों में भक्त पूरे हर्ष और उल्लास के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं। माता का आगमन उनके भक्तों के लिए सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसलिए भक्त खूब हर्षों उल्लास के साथ उनकी पूजा करते हैं। कहीं उनकी पूजा में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए नवरात्रि से जुड़े शुभ मुहूर्त के बारे में जरुर जान लें। साथ ही ये भी जानें की वे किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं।
तारीख और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन 15 अक्टूबर को रात 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि इस बार 15 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सिर्फ 48 मिनट ही रहेगा।
वहीं घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक ही होगा।
मां दुर्गा के वाहन और उनका महत्व
वैसे तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है लेकिन हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं यानी माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं। माता दुर्गा आती भी वाहन से हैं और जाती भी वाहन से हैं। नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों और योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है। ठीक इसी प्रकार कलश स्थापन के दिन देवी किस वाहन पर विराजित होकर पृथ्वी लोक की तरफ आ रही हैं, इसका भी मानव जीवन पर विशेष असर होता है। जानकारों के अनुसार इस बार मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। इससे देश में आर्थिक समृद्धि आयेगी। साथ ही ज्ञान की वृद्धि होगी। हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है। ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ कार्य होगा, लोगों के बिगड़े काम बनेंगे। माता रानी की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी।