डिजिटल डेस्क। गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्रकर्नाटका में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन भक्त मंगल कामना और सुख-समृद्धि के लिए घर में प्रथम पूजनीय गणेश जी की स्थापना करते हैं और पूरे नियमों के अनुसार, 10 दिनों तक बप्पा की पूजा अर्चना करते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में गणेश जी की प्रतिमा लाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानते हैं उनके बारे में।
दिशा का रखें ध्यान- गणेश जी की मूर्ति उत्तर दिशा में रखनी शुभ मानी जाती है क्योंकि इस दिशा में मां लक्ष्मी और भगवान शिव का वास होता है। इसके अलावा मूर्ति घर में रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी का मुख घर के मुख्य द्वार की ओर हो।
मूषक के हाथ में हो मोदक- घर में श्रीगणेश की मूर्ति लाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें मूषक और बप्पा के हाथों में मोदक जरुर हों क्योंकि मोदक गणेश जी को अति प्रित हैं और मूषक बप्पा का वाहन है। इसलिए ऐसी मूर्ति घर में लाना शुभ मानी जाती है।
घर की सुख शांति के लिए- घर में ऐसी मूर्ति लानी भी शुभ होती है जिसमें गणेश जी एक आसन पर विराजमान हो या मुद्रा में लेटे हो। ऐसी मूर्ति घर में लाने से सुख और आनंद बढ़ता है।
शुभता के लिए- गणेश जी की घर में ऐसी प्रतिमा रखनी शुभ मानी जाती है जिसमें उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर घूमी हो। मान्यताओं के अनुसार, ऐसी प्रतिमा घर में रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सफलता भी मिलती है। इसके अलावा दाएं ओर वाली झुकी हुई सूंड की प्रतिमा भी घर में रखना बहुत ही शुभ मानी जाती है।
आत्मविश्वास के लिए- वास्तु शास्त्र के अनुसार, आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए घर में लाल सिंदूर के रंग की गणेश जी की मूर्ति शुभ मानी जाती है। इसके अलावा सुख-समृद्धि और शांति के लिए सफेद रंग की मूर्ति घर में रखनी शुभ मानी जाती है।