Vastu Shastra: हिंदू धर्म में शंख का होता है विशेष महत्व, रोजाना बजाने से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं
शैव मत में शंख को पूजा मे वर्जित माना गया है
डिजिटल डेस्क। शंख को हिन्दु धर्म में अति पवित्र माना जाता है। यह धर्म का प्रतीक माना जाता है। यह भगवान विष्णु के दांए ऊपरी हाथ में शोभा पाता दिखाया जाता है। धार्मिक अवसरों पर इसे फूँक कर बजाया भी जाता है। शैव मत में शंख को पूजा मे वर्जित माना गया है। मान्यता है कि शंख को पूजास्थल में रखने से और इसे बजाने से शत्रुओं का नाश होता है ऐसा वास्तु शास्त्रों का भी कहना है। वास्तु शास्त्र में शंख से संबंधित और भी बातें कही गई है। आइए जानते हैं इसके बारे में…
शंख का महत्व
हमारे हिन्दू धर्म में पूजा में शंख का संबंध सीधे देवी देवताओं से माना जाता है। शंख को मां लक्ष्की के भ्राता माने जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है। बता दें शंख को रखने से घर में कई तरह के चमत्कारी फायदे होते हैं।
शंख से जुड़े वास्तु उपाय
1 दक्षिणवर्ती शंख से शालिग्राम और लक्ष्मी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त वैवाहिक जीवन में तालमेल बढ़ता है।
2 शंख में जल भरकर ईशान दिशा में रखने से परिवार में परस्पर तालमेल बढ़ता है।
3 यदि आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो शंख में जल भरकर पिलाने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
4 घर में शंख बजाने से सात्विक ऊर्जा का संचार होता है और घर में यदि कोई नकारात्मक ऊर्जा है तो समाप्त होती है।
5 जिस घर में वास्तु दोष की वजह से नकारात्मकता हो उस घर के ईशान कोण के शंख बजाने से वास्तु दोष का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
6 घर में शंख बजाने से और इसकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शंख बजाते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप घर में शंख रखते हैं तो आपको दो शंख लेकर आना चाहिए। एक शंख बजाने के लिए और दूसरा अभिषेक और पूजा आदि के लिए। जिस शंख से आप भगवान की पूजा करते हैं उसे कभी नहीं फूंकना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से वह झूठा हो जाएगा। शंख को पूजा कक्ष के सफेद कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। भगवान विष्णु को शंख का जल चढ़ाना शुभ माना जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि भगवान शिव और सूर्य देव को शंख जल न चढ़ाएं। बजाने से पहले शंख को गंगाजल से धोना चाहिए। अगर गंगा जल नहीं है तो आप साधारण जल का उपयोग कर सकते हैं।