गीत-ग़ज़ल

GHAZAL: पढ़िए साहिर लुधियानवी की फेमस गजल, बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया

साहिर वे पहले गीतकार थे जिन्हें अपने गानों के लिए रॉयल्टी मिलती थी

डिजिटल डेस्क। साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुल हयी और तखल्लुस (कलमी नाम) साहिर है। उनका जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना के एक जागीरदार घराने में हुआ था। साहिर ने कई रचनाएं लिखी हैं, जो लोगों के दिल को छू जाती है। वे एक प्रसिद्ध शायर तथा गीतकार थे। उन्होंने बॉलीवुड के लिए भी कई गीत लिखे। साहिर वे पहले गीतकार थे जिन्हें अपने गानों के लिए रॉयल्टी मिलती थी। साहिर द्वारा लिखी गज़लों में से एक गज़ल कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया…

 

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया

बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को

क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया

किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं

बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त

सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *