भावनाओं की मौलिक अभिव्यक्ति है ‘स्पेस’ काव्य संग्रह
-कवियित्री डॉ. अंजुल जैन की कविताओं का संकलन स्पेस का संस्कृति मंत्री ने किया लोकार्पण
भोपाल. साहित्य में कविता मानवीय भावनाओं की मौलिक अभिव्यक्ति होती है। “स्पेस” काव्य संग्रह में कवियित्री ने अपनी भावनाओं को मौलिकता से कविता संग्रह में शामिल किया है। यह बात पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने रवीन्द्र भवन सभागार में कवियित्री डॉ. अंजुलि जैन के अंग्रेजी कविताओं के दूसरे संग्रह “स्पेस” पुस्तक का विमोचन किया। यह काव्य संग्रह इन्द्रा पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित किया गया है। मंत्री ठाकुर ने कहा कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी आवश्यकता ज्ञान को विज्ञान में बदलना है। इसका सबसे बड़ा माध्यम भारतीय समाज का साहित्य बनेगा। पुस्तक विमोचन के अवसर पर पद्मश्री अशोक चक्रधर, पुलिस महानिदेशक होमगार्ड डॉ. पवन जैन, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना, सुप्रसिद्ध कवि प्रो. सरोज कुमार और श्री सम्पत सरल सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहें।
कवियित्री डॉ. अंजुलि जैन मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, भोपाल में एसोसिएट प्रोफेसर है। डॉ. जैन ने अंग्रेजी साहित्य से गहरे लगाव के चलते पहले अंग्रेजी में एम.ए. और फिर पीएचडी की। उनका पहला काव्य संग्रह “स्पाटेंनियस आउटपोरिंग्स” की कविताओं का चयन और संकलन उनके पिता ने उनकी डायरी से किया था। “स्पेस” की कविताएँ, लय और ताल संबंधी उनके अनुभवों और आकलन पर आधारित है। लोकार्पण समारोह के दूसरे चरण में देश के शीर्षस्थ हास्य कवियों का कवि सम्मेलन शुरू हुआ। हास्य कवि सम्मेलन के कवियों में सर्वश्री डॉ. पवन जैन, सम्पत सरल, राजेन्द्र मालवीय आलसी, मदन मोहन समर, चिराग जैन, मनीषा शुक्ला, शबनम अली और दीपक शुक्ला दनादन ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।